SANDESH QALAM

क़लम के साथ समझौता नहीं , मुझे लिखना है

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Saturday 24 March 2018

शिक्षा की दौलत अनमोल है ........

शिक्षा एक ऐसी दौलत है जिसे इन्सान बचपन से कमाना शुरू करदेता है और इस दौलत को वृद्धि के आसमान तक लेजाने में हर संभव प्रयास करता है ,यह और बात है की इस दौलत को कमाते कमाते अधिकतर लोग रास्ते में ही इस पर विराम लगा देते है , इन में किसी के साथ परिवारिक कठिनाईयां या किसी को इस शिक्षा की दौलत कमाने के सफ़र में आर्थिक तंगी आड़े आजाती है , मगर यह सत्य है की जिस व्यक्ति ने अपने इक्षा अनुसार जितना भी शिक्षा की दौलत बटोरा या कमाया है पूरा जीवन इस दौलत का महत्व अपने अनुभव के साथ प्रयोग में लाता रहता है , 

शिक्षा उस दौलत का नाम है जिस को आज तक संसार जब से बना है , किसी बड़े से बड़े चोर ने चोरी नहीं की या किसी ने शक्ति के बल पर किसी की कमाई हुई शिक्षा की दौलत पर कब्ज़ा नहीं कर सका यह ऐसी दौलत है की 
 इस को जिस ने भी जितना कमाया उस ने उस से अधिक पाया , संसार का पहला यह अनमोल धन और आपके द्वारा प्राप्त की गई जमा पूंजी है जिसे जितना खर्च किया जाए दुसरे में बांटी जाए उतना इस में वृद्धि होती है , आप को इस दुनया में शिक्षा के अलावा कोई भी ऐसी चीज़ नहीं मिल सकती की जिसे आप जितना दुसरे में बाँटिये ,खर्च कीजिये वह बढती रही , यह पहला और आखरी अनमोल धन ,खज़ाना कह सकते है .

शिक्षा जब इन्सान प्राप्त करता है तो केवल पुस्तक में लिखी बातों को ही नहीं सीखता है बल्कि संसार में समाज में ,घर परिवार जीने का तौर तरीका सीखता है ,शिक्षा आपको यह ज़मीन से उठा कर आसमान पर बिठा देता है , आज हमारे बीच बड़े बड़े पद पर आसीन कोई ब्यक्ति बैठा है जिस के सामाजिक कार्य एवं उस के रुतबे को देख मन में हजारों तरह का ख्याल आता है , उस का मान ,मर्यादा ,शान शौकत देख मन में लालच और निराशा एवं 
 दुःख भी होता है , उसकी शोहरत प्रसिद्द देख कर जलन भी होता है , मगर जैसे ही उसकी प्रयासों और उसकी मेहनत की ओर नज़र पड़ती है तो एहसास होता है की हमारे और उस बड़े पद पर आसीन व्यक्ति की कहानी में किस चीज़ की भूमिका हमें और उस में अंतर पैदा करती है तो शिक्षा ही नज़र आती है . और शिक्षा का ही परिणाम है .
शिक्षा और बेरोज़गारी 
आखिर में हम अपने उन लाखों की संख्या में शिक्षित बेरोजगार बैठे मित्रों से कहना चाहते है की आप अगर बेरोजगार हैं तो कभी यह मत सोचिये और कहिये की हमारी पढाई बेकार होगई , हम आम तौर से यह बात सुनते है आज जब भी कोई युवा रोज़गार प्राप्त नहीं कर पाता है तो प्रथम दोष अपने द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा को देता है , मेरे मित्रों ऐसा नहीं है,आप कभी भी शिक्षा को दोष न दें संभव है आपको अवसर नहीं मिल रहा है , परन्तु जिस दिन आपको अवसर मिलेगा और आप नौकरी पायेंगे तो आप शिक्षा योग्यता ,प्रतिभा के दम पर ही पायेंगे और अपने जीवन को नइ दिशा देंगे, शिक्षा की दौलत से अगर हम माला माल हैं तो केवल हमारा निजी लाभ ही नहीं बल्कि विकासशील देशों का उधारण आप के सामने है की जिस देश में शिक्षा की औसत जितना ज़यादा होगा वह देश उतना अधिक विकास के पथ पे दौड़े गा ,और हमारा देश भारत का नाम भी शिखर पर जाएगा ......
 ( जारी /क्रमश )

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